जंगल का कानून

बचपन लाचार है, यौवन मजबूर
प्रौढ़ कोल्हू का बैल हो गया है
बुढ़ापा टुकड़ों पर ललचाता श्वान
गलियों के आवारा कुत्ते, सफेदपोशों पर भौंकते हैं
सांड स्वच्छंद विचरते
जंगल छोड़ भेड़िए, नगरों में बस गए हैं
जन प्रतिनिधि नेता आदमखोर हो गए हैं
जबसे जंगल कटे हैं, शहरों में आदमियों के वन बस गए हैं
अब यहाँ सामाजिक नियमों की आचार संहिता नहीं
जंगल का कानून चलता है

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-मंजु गुप्ता

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