
अनुत्तरित प्रश्न
बच्चे आजकल बहुत प्रश्न करते हैं
माँओं के पास उत्तर नहीं हैं
पिता से पूछो तो झल्लाते हैं
प्रश्न पूछने को बेवकूफी बताते हैं
अध्यापकों के पास, हर प्रश्न के
कुछ रेडीमेड उत्तर हैं
जो ज्यादातर प्रश्नों से असंबद्ध हैं
फिर भी वे बच्चों की जिज्ञासा पर
उन्हीं की चिप्पिय़ाँ चिपकाते हैं
बच्चे कहीं से भी सही उत्तर न पाकर
भुनभुनाते हैं, फिर खेल नें लग जाते हैं
अनुत्तरित प्रश्न वातावरण में बेचैन मंडराते हैं
चमगादड़–से मन के अंधेरे में पंख फड़फड़ाते हैं
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-मंजु गुप्ता