Category: कुल दीप

बकरी – (कविता)

बकरी देखिए–मेरे देश की व्यवस्थाकितनी लाचार हो गई,मेजिस्ट्रेट का बग़ीचा चरने के जुर्म में–एक बकरी गिरफ़्तार हो गई।ऐसे में सख़्त एवं लिखि त एफ़ आई आर हो गई,मालिक पर धारा…

आसमान तो मेरा है – (कविता)

आसमान तो मेरा है डोली में बिठाते हुएमाँ ने बेटी कोएक लम्बी सूची हाथ में थमाईऔर बोली– यह तेरी अमानत है।सोचा, दहेज़ के सामान की सूची होगी।बेटी ससुराल पहुँची,काग़ज़ का…

मैं नारीवादी हूँ – (कविता)

मैं नारीवादी हूँ तुम कहते हो– मैं नारीवादी हूँक्योंकि मैं प्रगतिवादी हूँ।तुम अधिकार की बात करते हो,मैं अस्तित्व की दुहाई देती हूँ। मेरी लड़ाई समानता की है –जहाँ मेरी सोच…

कुल दीप – (परिचय)

कुल दीप जन्म स्थान : पंजाब, हिंदुस्तान वर्तमान निवास : टोरोंटो, कैनेडा शिक्षा : एम.ए. (इकोनॉमिक्स), बी.एड., पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, ह्यूमन बि हेवियर फ़ैसिलिटेटर, मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रकाशन…

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