कृषक – (कविता)
कृषक है कौन कृषक जोकपास की खेती अंबर में करता है?नाना प्रकार के खिलौनेप्रति दिन रूई के रचाता है,जाने कैसे बिन डोरी केमेघ नभ में लटकाता है?अरु घुमा घुमा कर…
हिंदी का वैश्विक मंच
कृषक है कौन कृषक जोकपास की खेती अंबर में करता है?नाना प्रकार के खिलौनेप्रति दिन रूई के रचाता है,जाने कैसे बिन डोरी केमेघ नभ में लटकाता है?अरु घुमा घुमा कर…
वह मैं नहीं हूँ किंचित प्यारे जो मुझको तुम समझते हो नित,वह मैं नहीं हूँ किंचित प्यारे,नौ द्वार के प्राकृतिक भवन मेंहम मनुज निवास करते सारे,राजा और उसका अमूल्य महलनहीं…
तरु संवाद शंकुल जाति के देवदारु ’सीडर’ने यहपर्णपाती ’मेपल’ से प्रश्न किया,क्यों हो रहा तव रंग इस तरह से पीलातब भीमकाय मेपल ने उत्तर दिया। (शरद)ग्रीष्म का गमन है होता…
कविता अनुभूति करने की कवि में क्षमता,व्यक्त करे वह बनती है कवितापानी में ही यदि हो दरिद्रताकैसे बहेगी सुरसरिसी सरिता? वारि बहन ही आपगा नहीं है,शब्द चयन ही कविता नहीं…
डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव जन्म: सन् 1935 में बाँदा (उ.प्र) (भारत) शिक्षा: बी.एससी. (1955); एम.एससी.(टैक) (1958) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। पीएच.डी. (सास्केचुआन विश्वविद्यालय, कैनेडा)। व्यवसाय: कनाडा मौसम-विज्ञान विभाग में वैज्ञानिक के रूप…