
कृषक
है कौन कृषक जो
कपास की खेती अंबर में करता है?
नाना प्रकार के खिलौने
प्रति दिन रूई के रचाता है,
जाने कैसे बिन डोरी के
मेघ नभ में लटकाता है?
अरु घुमा घुमा कर के उनको
आकर्षित उर लुभाता है
नीले नीरव नभ में बड़े
फूल गोभी श्वेत उगाता है,
बिन तारों के विद्युत भर के
तड़ि त प्रदर्शनी लगाता है,
’गर्जन’ तुरही और नगाड़े
विज्ञापन हेतु बजाता है,
फिर आनंद रस को जल में
परिवर्तित कर बरसाता है।
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– डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव