Category: भारतीय भाषाओं से

प्रथम अध्याय / प्रथम वल्ली / भाग २ / कठोपनिषद / मृदुल कीर्ति

प्रथम अध्याय / प्रथम वल्ली / भाग २ / कठोपनिषद / मृदुल कीर्ति त्रिणाचिकेतस्त्रिभिरेत्य सन्धिं त्रिकर्मकृत् तरति जन्ममृत्यू । ब्रह्मजज्ञ। देवमीड्यं विदित्वा निचाय्येमां शानितमत्यन्तमेति ॥१७॥ त्रय बार करते जो अनुष्ठान…

प्रथम अध्याय / प्रथम वल्ली / भाग १ / कठोपनिषद / मृदुल कीर्ति

कठोपनिषद – (पद्यानुवाद) मृदुल कीर्ति ॐ श्री परमात्मने नमः शांति पाठ ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु । मा विद्विषावहै । रक्षा…

ईशावास्य उपनिषद – (मृदुल कीर्ति)

ईशावास्य उपनिषद संस्कृत से हिंदी में पद्यानुवाद : मृदुल कीर्ति ॐ समर्पण परब्रह्म को उस आदि शक्ति को, जिसका संबल अविराम, मेरी शिराओ में प्रवाहित है। उसे अपनी अकिंचनता, अनन्यता…

उमाशंकर जोशी (1911-1988)

उमाशंकर जोशी गुजराती के ऐसे वरिष्ठ साहित्यकार हैं जिन्होंने सर्जन, चिंतन, विवेचन और अनुवाद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रदान किया है। उत्तर गुजरात के छोटे से गांव वामणा ( ईडर)…

उमाशंकर जोशी की कविताएँ

गुजराती से अनुवादित अनुवादक : आलोक गुप्त —————————————————————– (1) वह पेड़ कहाँ गया बहुत वर्षों बाद गया था पाठशाला में नई खपरैल, छोटा- सा नया बाग है वहाँ दो रंगीन…

राजेंद्र शाह की कविताएँ

गुजराती से अनुवादित अनुवादक : आलोक गुप्त —————————————————– (1)नहीं रोकूँगी नहीं रोकूँगी वेदना का वरदान देकर भले चला जाए पिया! साज सजी खड़ी ऊँटनी को अपनी दुखी वाणी से नहीं…

खाई

(मूल मैथिली कविता श्री मंत्रेश्वर झा, भारत) हिन्दी अनुवाद – आराधना झा श्रीवास्तव, सिंगापुर कैसे पाटी जाएगी ये खाई? ये पीढ़ियों का अन्तर जो निरन्तर होती जा रही है गहरी…

मंत्रेश्वर झा

भारतीय प्रशासनिक सेवा से अवकाश प्राप्त अधिकारी श्री मंत्रेश्वर झा को वर्ष 2008 में मैथिली भाषा में लिखित अपनी संस्मरणात्मक कृति ‘कतेक डारि पर’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से…

प्रतीक्षा

(मैथिली कविता एवं उसका हिन्दी अनुवाद – आराधना झा श्रीवास्तव) ज्यों जहाज का पंछी अपने पंखों से माप देता है सागर पर संध्याकाल में लौट आता है पुन: उसी जहाज…

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