गैप – (लधु कथा – अनुवाद)
गैप कृष्णा वर्मा चाय की चुस्की लेते हुए पापा ने पूछा , “नेहा कौन सा विषय सोचा नवीं कक्षा के लिए, साइंस या कॉमर्स?” कुछ सोचते हुए नेहा बोली, “पापा,…
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गैप कृष्णा वर्मा चाय की चुस्की लेते हुए पापा ने पूछा , “नेहा कौन सा विषय सोचा नवीं कक्षा के लिए, साइंस या कॉमर्स?” कुछ सोचते हुए नेहा बोली, “पापा,…
मूल कविता : अनीता वर्मा अनुवादक : डॉ चरनजीत सिंह होने ना होने के बीच ज़िन्दा होना ही तो काफ़ी नहींअपने तमाम वजूद को करना पड़ता है साबितकहना पड़ता है…
अनीता वर्मा की कविता का अनुवाद मूल कविता : अनीता वर्मा अनुवादक : डॉ चरनजीत सिंह (कवि, ग़ज़लकार व सुप्रसिद्ध अनुवादक) क्या कहूँ इसे क्या कहूँ इसेसच या झूठजो कहावो…
अनीता वर्मा की हिंदी कविता का पंजाबी अनुवाद अनुवादक : डॉ चरनजीत सिंह होना ना होना काग़ज़ दीमक भी बन सकते है दोस्तोंना हो तोहिस्सा बन कर देख लो नौकरशाही…