लड़कियाँ – (कविता)
मंजु गुप्ता लड़कियाँ लड़कियाँ तो….समय की आवाज़ हैं, हृदय की धड़कन हैंफूलों की खुशबू और खुशबू का स्पन्दन हैं. पानी में लहर हैं, लहरों का नर्तन हैंसमाज की नब्ज और…
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मंजु गुप्ता लड़कियाँ लड़कियाँ तो….समय की आवाज़ हैं, हृदय की धड़कन हैंफूलों की खुशबू और खुशबू का स्पन्दन हैं. पानी में लहर हैं, लहरों का नर्तन हैंसमाज की नब्ज और…
– मंजु गुप्ता *** *** प्रकृति के अंश हैं हम तितली के पंख झुलसेगौरैया गायब हुईजंगलों की आई शामतज़िंदगी घायल हुई पशु- पक्षी की कौन कहेआदमी की दुर्दशा हुईकुछ भी…
– मंजु गुप्ता *** *** खामोशी एक नदी है खामोशी एक नदी हैभीतर बहतीउदास,शांत, निःस्वन कई बार चाँदनी रातों मेंगीत गातीतनहाई में चुपचापबरसात में अक्सरचुप्पी का बाँध तोड़झरने-सी झरती झर-झरबहुत…