
मंजु गुप्ता
लड़कियाँ
लड़कियाँ तो….
समय की आवाज़ हैं, हृदय की धड़कन हैं
फूलों की खुशबू और खुशबू का स्पन्दन हैं.
पानी में लहर हैं, लहरों का नर्तन हैं
समाज की नब्ज और संस्कृति का स्वप्न हैं.
ऋतुओं में वसंत हैं, वसंत के रंग हैं
रूप का उल्लास और शीतल चंदन हैं.
शोर में चुप्पी हैं, शांति का अहसास हैं
शरीर में आत्मा और आत्मा का वंदन हैं.
लड़कियाँ मनुष्य के भीतर की मानवता हैं
शक्ति हैं, करुणा हैं, मानवीय संवेदन हैं.
उनके बिना ज़िंदगी निरा मरुस्थल है
वे ही तो जीवन का सच्चा अभिनंदन हैं.
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