मॉरीशस
वर्षों पहले
भारत के कुछ लाल
एग्रीमेंट पर लाये गए
गिरमिटिया कुली कहलाये वे
उपनिवेशी था वह काल
नंबर थी एकमात्र पहचान
खून-पसीना भरपूर बहाया
हड्डियां भी तुड़वायीं अपनी
सहते रहे वे अत्याचार
पाया सब ने विषाद अपार
पीकर गरल सहे अपमान
फिर भी कभी न मानी हार
कोड़ों की बरसात ने
होंसले किए और बुलंद।
कहने को तो गन्ना बोया
पत्थर उलटे सोना पाया
मॉरीशस को पूर्णत:अपनाया
चारों ओर से घिरा ये खारा
हिन्द महासागर की लहरों में
बिंदु -सा चमकता यह तारा
मॉरीशस प्यारा देश हमारा
प्यारा सा यह देश हमारा!!
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-अंजू घरभरन