मॉरीशस

वर्षों पहले

भारत के कुछ लाल

एग्रीमेंट पर लाये गए

गिरमिटिया कुली कहलाये वे

उपनिवेशी था वह काल

नंबर थी एकमात्र पहचान

खून-पसीना भरपूर बहाया

हड्डियां भी तुड़वायीं अपनी

सहते रहे वे अत्याचार

पाया सब ने विषाद अपार

पीकर गरल सहे अपमान

फिर भी कभी न मानी हार

कोड़ों की बरसात ने

होंसले किए और बुलंद।

कहने को तो गन्ना बोया

पत्थर उलटे सोना पाया

मॉरीशस को पूर्णत:अपनाया

चारों ओर से घिरा ये खारा

हिन्द महासागर की लहरों में

बिंदु -सा चमकता यह तारा

मॉरीशस प्यारा देश हमारा

प्यारा सा यह देश हमारा!!

***

-अंजू घरभरन

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