बहुत मुश्किल है

बहुत मुश्किल है
रंगों से भरे कैनवास पर
सफ़ेद चुप्पी के रंग को उकेरना
तमाम उम्र जो रंग भरती रही जीवन में
उस मॉं को सफ़ेद चादर में लपेटना
या अपनी ही मॉं का श्राद्ध
अपने बेटे के साथ खाना
नीली रंगीन छतरी सी तनी
बारिश से बचाती मॉं को
अग्नि के तपते अंगारों में लिटाना
सचमुच बहुत मुश्किल है
मृत्यु को अन्तिम सत्य समझना
बहुत आसान नहीं है
किसी के ना होने का
होने पर विश्वास करना

*****

– अनीता वर्मा

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