
ग्वालियर के मूल निवासी श्री विश्वास दुबे , पिछले एक दशक से भी ज़्यादा समय से यूरोप के विभिन्न देशों में रहे हैं। पिछले 8 वर्षों से वे नीदरलैंड्स में रह रहे हैं और सॉफ्टवेयर कंपनी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं।
विश्वास किशोरावस्था से ही भावपूर्ण कविताएं लिखे रहे हैं और आपका हिंदी से विशेष लगाव रहा है और इसके प्रचार प्रसार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है। पिछले कुछ वषों में अनेकानेक काव्य आयोजनों में संचालन, समन्वय और काव्य पाठ कर सक्रिय हैं। आपने कई अंतर्राष्ट्रीय काव्य गोष्ठियां भी आयोजित करी हैं और अग्रणी प्रवासी साहित्यकार के रूप में खुद को स्थापित किया है ।
आपने प्रवासी भारतीयों के तीन काव्य-संग्रह का संपादन किया है और आपका एकल कविता-कहानी संग्रह ‘प्रेम और वाणी’ पिछले साल प्रकाशित हुआ है।
आपकी हिंदी रचनाएँ कई अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं और काव्य संग्रहों में में प्रकाशित होती रही हैं। हाल ही फ़िजी में आयोजित बारहवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की पत्रिका गगनांचल में विश्वास का आलेख प्रकाशित हुआ है।
विश्वास को नीदरलैंड्स में भारतीय दूतावास, गाँधी केंद्र द्वारा उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है । आपको हिंदी भूषण सम्मान भी मिला है और हाल ही में राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान से भी नवाजा गया है।
विश्वास उभरते कवियों को अपनी वेबसाइट काव्यांजलि (kaavyanjali.com) के माध्यम से मंच प्रदान करते हैं और हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन, साझा संसार, सोपान साहित्यिक संस्था, शेयर योर ह्यूमैनिटी, प्रवासी काव्य संघ , सरहदों के पार आदि कई संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं।