मूल कविता : गीओर्गी दार्चियाश्विली

अनुवाद : गायाने आग़ामालयान

प्रेम क्या है?

प्रेम क्या है?
मैंने पूछा और वह मुस्कुरायी।
-यह है कि मैं अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकता,
यह है कि मैं अब अपने विचारों को रोक नहीं सकता,
मुझे नहीं पता क्या करना है।
मुझे धैर्य की ज़रूरत है!
-प्रेम क्या है?
शायद प्रेम वह है! चाहे उसका नाम कुछ भी हो!
तुम मुझे कभी नहीं पा सकोगे,
वह है और नहीं भी है,
मैं उसकी आत्मा को नहीं भूलूंगा,
आप उनसे अधिक बुद्धिमान लोगों से मिलेंगे,
और वे उड़ जायेंगे, लेकिन सिर्फ़ वह रहेगी
अगर आप अपने ख्यालों में भूल गए हैं,
इससे तुम्हें शांति नहीं मिलेगी, कभी नहीं,
धीरे-धीरे शक्ति खोते हुए…
जिसे हम प्यार कहते हैं
वह एक ग़ुलामी थी,
मन की उस भावना की ग़ुलामी
मुझे मेरे पहले प्यार की आदत है,
पहली बार, पहली नज़र से!
तुम उसे हर बार ग़ुस्सा दिलाते हो,
फिर भी वह सपनों में भी आती है और चली जाती है।
और वे इसे “याद” कहते हैं,
अगर आप “प्यार” नहीं जानते,
तो वे दोनों एक जैसे दिखते हैं…

***** ***** *****

– गीओर्गी दारछीआश्विली, अभिनेता और कवि

गीओर्गी दार्चियाश्विली
परिचय
जॉर्जियाई अभिनेता और कवि गीओर्गी दार्चियाश्विली का जन्म 8 दिसंबर, 1957 को जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में हुआ है। उन्होंने सिनेमैटोग्राफी संस्थान में अभिनेता का पेशा प्राप्त किया है। उन्होंने थिएटर में 50 से अधिक भूमिकाएँ निभाईं और उन्होंने “मॉसफिल्म”, “जॉर्जिया-फिल्म”, “राज कपूर फिल्म्स” फिल्म स्टूडियो में भी काम किया है। अपने अभिनय करियर के दौरान, गीओर्गी दार्चियाश्विली ने 16 फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने शशि कपूर की फिल्म ”अजूबा” /1991/ में प्रिंस अल्ताफ के रूप में अमिताभ बच्चन, अमरीश पुरी, ऋषि कपूर, डिंपल कपाडिया के साथ अभिनय किया। वह वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »