अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका

समय सबसे बड़ा छन्ना

समय सबसे बड़ा छन्ना
ठोस रह जाता है
तरल बह जाता है.

मौन सबसे बड़ा संवाद
कोलाहल से आगे
अनकहा कह जाता है.

दुर्ग हो असत्य का
चाहे जितना बड़ा
एक दिन ढह जाता है.

वृक्ष जिसकी जड़ें गहरीं
मृदु जल सिंचित
भीषण ताप सह जाता है.


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