– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस

आज है अंतरराष्ट्रीय दिवस
मज़ेदार अपनी चाय का,
बेहतर जीवन जीने के लिए
स्वाद लो हमारी चाय का।

ठण्ड पड़ती हो या गर्मी
आंख नहीं खुलती है मेरी,
गर्म गर्म ही पीनी है मैंने
जीभ नहीं कभी जलती मेरी।

बने चाय कभी अदरक वाली
इलायची संग दालचीनी मसाला,
बिन चाय पिए नहीं जाने देते
खाने को समोसा दाल मसाला।

जब ढूढंते मिलने का बहाना
चाय पी के खुलते सबके दिल,
यादों की परतें पन्ने पलटती
हो भावुक करते हल्के दिल।

अँगीठी से लेकर गैस तक, अब
बिजली की केतली में उबलती,
गिलास से सीधा पहुंची कप में
पर अब मग में है बहुत जचती।

बूंदे भी आ रहीं धरा पर
मौसम है रंगीन और सुहाना,
आ जाओ मिलें कुछ बात करें
चाय पर कुछ भी नहीं छुपाना।

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