मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते

स्पेनिश से सीधे हिंदी अनुवाद – पूजा अनिल

स्वप्न सिद्धांत

पूर्ण हो चुके सारे स्वप्न अपरिपक्व हैं।
जिसकी निःशब्द उपस्थिति
संदेह उपजाती है
कि कल तक जो लक्ष्य था
अभिलाषा पूर्ति का
वह अंगारा
कहीं बुझ तो न जाएगा।
आधिपत्य कभी
असंतुष्ट अभिव्यक्तियों को
खामोश नहीं करता
न ही किसी धैर्य देने वाले
संघर्ष विराम की ओर कदम बढ़ाता है।
किसी देवदूत की उड़ान से,
सपनों के अमूर्त एवम् आकर्षक रेखा चित्र
दर्पण के गहन गंभीर आतिथ्य
औऱ प्रकाश का वज़न नहीं जानते।

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कवि परिचय

जोस् लुइस मोरांते (José Luis Morante)

जोस् लुइस मोरांते एक मशहूर स्पेनिश कवि और शिक्षक हैं। उनका जन्म 1956 में एल बोहोडोन (एविला, स्पेन) में हुआ था। उन्होंने 1978 में पढ़ाना शुरू किया और बाद में कई स्कूलों में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक रहे। 1989 से वे मैड्रिड के पास रिवस-वैसियामैड्रिड नाम के शहर में पढ़ाते रहे।

साहित्य में उनका योगदान बहुत खास है:

  • उन्होंने लूना लेलेना नाम की साहित्यिक पत्रिका शुरू की।
  • प्राइमा लिटेरा नाम की पत्रिका के साथ करीब 10 साल तक काम किया।
  • सेनेल्स डे ह्यूमो नाम के अख़बार का भी निर्देशन किया।

उनकी पहली कविताएं 1980 के दशक में छपनी शुरू हुईं, लेकिन उनकी पहली किताब *Rotonda con estatuas* 1990 में आई।

उन्हें कई बड़े कविता पुरस्कार मिले हैं, जैसे:

  • लुइस सेर्नुडा पुरस्कार
  • सैन जुआन डे ला क्रूज़ पुरस्कार
  • हरमनोस आर्गेन्सोला पुरस्कार
  • और उनके पूरे लेखन कार्य के लिए ‘एस्पाडाना पुरस्कार’ भी मिला।

उन्होंने कई अखबारों और ऑनलाइन पत्रिकाओं में भी लिखा है, जैसे:

  • Diario de Ávila
  • El Correo de Andalucía
  • Diario 16
  • और Los diablos azules* (Infolibre.com)

जोस् लुइस मोरांते की कविताएं संवेदनशील, गहरी सोच वाली और समाज से जुड़ी होती हैं।


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