मेरी कविता
कहती खामोशी की कहानी तू
है मौन की अभिव्यक्ति तू
सुख-दुख की मेरी सहेली
है साथ तेरे हर पल नव जीवन
बिन तेरे सब कुछ लगे निरर्थक
निराशा में आशा की किरण तू
मेरी बहती भावनाओं का किनारा तू
मंजिल नहीं है निश्चित
पर चट्टानों से लड़ने का सहारा तू!
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-सुभाषिनी लता कुमार