एक चेहरा
हजारों चेहरों में
मैं ढूँढ़ रहा हूँ
छोटी सा आरजू लेकर
वहीं नगर वहीं डगर
घूम रहा हूँ
घूम रहा हूँ
घूम रहा हूँ
आँखों में बसी है
तेरे घुँघराले बाल
और चमचमाते झुमके
जो कर देती है मेरी
बुरा हाल
बुरा हाल
बुरा हाल
ऐ खुदा, अब भी सुनने को
बेकरार हूँ मैं
होठों पे सिर्फ
मेरा नाम
मेरा नाम
मेरा नाम…
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-खेमेंद्र कमल कुमार