हिंदी भाषा
आओ बच्चों तुम्हें बताऊँ
बात इक बतलाती हूँ
छोटी सी कविता गा कर
मैं तुम को समझाती हूँ।
जब भी छुट्टियाँ होती होगीं
नानी के घर जाओगे
नानी को मिल कर अपनी
क्या क्या बात बतलाओगे ?
अपना नन्हा मोटा कुआला
कैसे कैसे हँसता है?
कंगारू यूँ उछल कूद कर
कैसे मन में बसता है।
कूकाबारा ज़ोर ज़ोर से कैसे हँस हँस मुस्काता है
यह सब तुम को अपनी नानी नानू को बतलाना होगा।
हिन्दी में ही बोल उन्हें अपना प्यार जताना होगा।
नानी जब तुम को देख खूब मुस्कायेगी
नन्हें मस्तक पर रोली तिलक लगायेगी।
सोने से पहले वो बिस्तर पर साथ लटायेगी
अपनी भारत की वीर भूमि की गाथा तुम्हें सुनायेगी।
नानी की बोली बातों को
तभी समझ तुम पाओगे
हिन्दी भाषा सीखोगे
और हिन्दी के गुण गाओगे –
क, ख, ग, घ को तुम केवल मात्राओं का खेल ना जानो
उन अक्षर से बनता भारत
अपनी मिट्टी को पहचानो
भारत तुम्हारी धर्म भूमि है और आस्ट्रेलिया तुम्हारी कर्म भूमि है।
दोनों को दो आँखों जैसे
तुम को खूब सजाना होगा –
हिन्दी भाषा सीखो, बोलो
यह सब को बतलाना होगा
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-मधु खन्ना