मैं भारत हूँ
मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।
कभी मुग़लों ने तो कभी अंग्रेजों ने लूटा था बहुत,
अडिग हूँ आज भी, तो शान से जानो मुझे।
मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।
समय के चक्र ने बदली परिस्थितियाँ मेरी,
भगत और सुभाष की धरती हूँ, गर्व से जानो मुझे।
मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।
जूता है जापानी से, मेट्रो है जापानी का सफ़र किया है मैंने,
बुलेट की रफ़्तार से बढ़ते कदमों से पहचानो मुझे।
मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।
बुद्ध की शिक्षाएँ, राम की मर्यादाएँ साथ हैं,
दोस्ती के सेतु पर खड़ा हूँ, नए युग से जानो मुझे।
मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।
हिमालय का अभिमान हूँ, फ़ूजी का सम्मान हूँ,
दोनों पर्वतों की तरह अटल खड़ा हूँ, जानो मुझे।
मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।
अतुल शर्मा की कलम से लिखी यह गाथा मेरी,
जापान-भारत की अटूट मित्र शक्ति से जानो मुझे।
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– अतुल शर्मा