
मूल कविता : वसील स्तूस

अनुवाद : यूरी बोत्वींकिन
Ярій, душе…
Ярій, душе. Ярій, а не ридай.
У білій стужі сонце України.
А ти шукай — червону тінь калини
на чорних водах — тінь її шукай,
де горстка нас. Малесенька щопта
лише для молитов і сподівання.
Усім нам смерть судилася зарання,
бо калинова кров — така ж крута,
вона така ж терпка, як в наших жилах.
У сивій завірюсі голосінь
ці грона болю, що падуть в глибінь,
безсмертною бідою окошились.
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मूल कविता : वसील स्तूस
भड़को तुम, मेरी आत्मा…
भड़को तुम, मेरी आत्मा, छोड़कर सिसकियाँ।
यूक्रेन का हृदय खा गई श्वेत जाड़ों की गहराई,
फिर भी तुम खोजो गेल्डर रौझ की लाल परछाई,
स्याह जल में उसकी खोजो झलकियाँ,
जहाँ हम लोग हैं एक मुठी भर बस
प्रार्थनाओं-आशाओं भर के लिए जन्मे,
पहले से ही लिखी मृत्यु लिए मनमें।
वह क्या है न, उस गेल्डर रौझ की एक-एक नस
हमारे ही जैसे भड़कालू रक्त-भरी है।
विलापों की श्वेत आँधियों में
पीड़ा की गुच्छियाँ गहराइयों में
अमर दुख बनकर स्थिर खड़ी हैं।
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अनुवाद : यूरी बोत्वींकिन

*गील्डर रोझ (guelder rose, viburnum) – यूक्रेनी राष्ट्रीय पौधा, यूक्रेन का प्रतीक।
वसील स्तूस (Vasyl Stus) – (6 जनवरी 1938 – 4 सितंबर 1985), यूक्रेनी प्रसिद्ध कवि जो यूक्रेनी स्वतंत्रता तथा सांस्कृतिक अस्मिता के नाम शहीद हुए।
यूक्रेनी संस्कृति को संरक्षित और विकसित करने की आवश्यकता पर उनके विश्वास के लिए, सोवियत अधिकारियों द्वारा उनका दमन किया गया था, उनके लेखन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और आंशिक रूप से लेखन को नष्ट भी कर दिया गया था, और उन्हें स्वयं रूस के उत्तर में स्थित एक जेल में डाला गया था जहां फिर उनकी मृत्यु हो गई। उससे पहले ही अपनी एक प्रिय मित्र, यूक्रेनी विद्रोही चित्रकारा आल्ला होर्स्का के सोवियत गुप्तचरों द्वारा निर्दयता से मारे जाने पर उन्होंने यह निराशा तथा क्रोध भरी कविता लिखी थी जो उनकी सब से प्रसिद्ध कविताओं में से एक हे।

