
और भीड़ में भी मुझे तुम्हारी थकान महसूस हो रही है…
और भीड़ में भी मुझे तुम्हारी थकान महसूस हो रही है…
सिर झुककर, तुम देर रात को मेट्रो से बाहर निकलने पर या चौक पर शाल ओढ़कर बैठी रहती हो
और अपनी आंखों के रंग के फूलों के सावधानीपूर्वक एकत्र किए गए गुलदस्ते से उसे एक मशाल की तरह पकड़के, हमारे लिए घर का रास्ता रोशन किया करती हो…
झुर्रियों के खांचे में दो जीवंत झीलें लगातार दुनिया को देख रही हैं।
जिज्ञासा के साथ, फिर जैसे कि बाहर गिर रही हो और अपने स्वयं के कुछ को याद कर रही हो,
एक अनुरोध के साथ, निराशा के साथ
और फिर वर्षों की देखभाल के साथ।
वे घिसे-पिटे, टेढ़े-मेढ़े तुम्हारे हाथ अपने मन के लिए
नीले फूलों का सब से प्रिय गुलदस्ता रखते हैं।
और जो लोग चलते-फिरते हैं, हमेशा जल्दी में रहते हैं,
तनाव में रहते हैं, उनको इन नीले फूलों की क्या जरूरत है, क्या लाभ है?
कॉर्नफ्लॉवर तुम्हारे बालों की तरह मुरझाते नहीं,
वे अपने तने-पैरों पर समान रूप से तब तक खड़े रहते हैं
जब तक उनके तने तुम्हारे बाल की तरह बिल्कुल सफेद न हो जाएं।
ये फूल हरी घास के मैदानों और उन्हें प्यार से हिलाती हवा का सपना देख रहे हैं
और उन्हें एक साथ इकट्ठा करते हुए खुरदरे हाथ भी दिखाई दे रहे हैं,
जो अभी उन्हें पकड़के आलिंगन कर रहे हैं।
अंधेरा हो रहा है और शहर का शोर कम हो रहा है
और तुम यह नीला गुलदस्ता पकड़के
प्रकाशस्तंभ की तरह अकेली बैठी रहती हो।
-अंटी जी, मुझे यह नीला गुलदस्ता बेच देना।
नहीं, वे छुट्टे पैसे अपने पास रखना।
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– आन्ना पोनोमारेंको