
उषा राजे सक्सेना
जन्म : 22 नवंबर, 1943.
स्थान : गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।
शिक्षा : स्नाकोत्तर अंग्रेजी साहित्य, गोरखपुर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश, ई.एस.एल, लंदन, यू.के.।
ब्रिटेन में आगमन : 1967.
यू.के की प्रसिद्ध हिंदी ‘पत्रिका’ पुरवाई की पूर्व सह-संपादिका, यू.के हिंदी समिति की पूर्व उपाध्यक्ष; साउथ लंदन विमेंस गिल्ड ऑफ हिंदी राइटर्स की संस्थापक-संरक्षक; यू.के में होने वाले लगभग सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक कार्यक्रमों की धुरी रही हैं।
आपकी कविताएँ ओसाका विश्वविद्यालय, जापान के पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं। पुस्तक मिट्टी की सुगंध, एवं वॉकिंग पार्टनर पर कुरुक्षेत्र और महर्षि दयानंद विश्वविद्यलय, रोहतक के छात्रों ने एम.फिल किया। कहानी ‘वह रात’ मेरठ के ‘चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय’ और कहानी संग्रह वह रात और अन्य कहानियाँ महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं। आपकी कहानियों का अनुवाद पंजाबी, गुजराती, तमिल और अँग्रेजी में हो चुका है।
सम्मान एवं पुरस्कार : विदेशों में हिंदी साहित्य-सेवा प्रचार-प्रसार सम्मान उत्तर-प्रदेश, हिंदी-संस्थान, लखनऊ-2004, वर्ष 2015; 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन भोपाल में; विदेशों में हिंदी भाषा-साहित्य प्रचार-प्रसार से अलंकृत, वर्ष 2016; केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा पद्म भूषण, डॉ. सत्यनारायण मोटुरी साहित्य सम्मान से अलंकृत, वर्ष 2019; विश्व रंग-भोपाल में पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी द्वारा विदेशों में साहित्यिक सृजन के लिये सम्मानित।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘इंद्रधनुष की तलाश में’, ‘विश्वास की रजत सीपियाँ’ (कविता संग्रह), ‘क्या फिर वही होगा’ (कविता संग्रह), ‘प्रवास में’, ‘वॉकिंग पार्टनर’, ‘वह रात और अन्य कहानियाँ’, ‘ब्रिटेन में हिंदी’, ‘मिट्टी की सुगंध’ (कहानी संग्रह), संपादन ‘देशांतर काव्य संग्रह’-संपादन, ‘मिट्टी की सुगंध’ (भाग-2), Deepak the Basket man—Children’s Book 4 Pt, ‘और तुझे क्या चाहिए…औरत’
संप्रति : शिक्षक अवकाशप्राप्त, स्वतंत्र लेखन।
ई-मेल : usharajesaxena@gmail.com