धनवान
-आलोक मिश्रा
आलोक जी का जन्म १ दिसंबर १९६५ को कानपुर में हुआ। आलोक जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रायबरेली जिले के एक छोटे से गाँव रंजीतपुर लोनारी में प्राप्त की। छठीं कक्षा पास करने के बाद आप अपने पिता के पास कानपुर आ गए और वहां के बी. एन. एस. डी. इंटर कॉलेज से बारहवीं तक की पढ़ाई प्राप्त की। उसके उपरान्त आपने डी. एम. ई. टी. कलकत्ता से मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके माल वाहक जहाज पर मरीन इंजीनियर के रूप में अपनी नौकरी की शुरुआत की। इस दौरान विश्व के कई देशों में जाने के अवसर प्राप्त हुए।
आप वर्ष २००३ में अपने परिवार सहित सिंगापुर आ गए और एक बहुराष्ट्रीय शिपिंग कंपनी में नौकरी प्राप्त की। यहाँ पर आपने एम. बी. ए. की डिग्री हासिल करने का सपना पूरा किया। आलोक जी सिंगापुर के स्थायी निवासी हैं और एक शिपिंग कंपनी में टेक्निकल मैनेजर की हैसियत से कार्यरत हैं।
बहुआयामी प्रतिभा के धनी आलोक जी को हिंदी साहित्य पढ़ना और नाटकों में काम करना बेहद पसंद है। आपको फिल्मों में भी काम करने के अवसर प्राप्त हुए हैं। आलोक जी नियमित रूप से आन लाइन और ऑफ लाइन काव्य गोष्ठियों में भाग लेते हैं और स्वरचित रचनाओं का पाठ करने साथ-साथ मंच संचालन भी बड़ी कुशलता से करते हैं।
आलोक जी का मानना है कि अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए लेखन एक सशक्त माध्यम है। आपकी कविताएं, कहानियाँ और आलेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आलोक जी के दो साझा काव्य संग्रह, एक साझा ग़ज़ल संग्रह और एक साझा हिंदी हाइकु कोश प्रकाशित हो चुके हैं। आलोक जी को भव्या फाउंडेशन जयपुर की तरफ से हिन्द शिरोमणि सम्मान और डी. ए. वी. हिंदी स्कूल सिंगापुर ने अंतर्राष्ट्रीय गौरव भूषन सम्मान प्राप्त हुए हैं।