हिन्दुस्तान हमारा
भारत माता के चरणों पर तन मन धन सब वारा है,
हिन्दुस्तान हमारा, हमको प्राणों से भी प्यारा है।
लहराता जब अमर तिरंगा अनुपम लगे नज़ारा है,
विश्व प्रेम के गीत है गाता लिए प्रेम इकतारा है।
तेरे कण कण में ही बसता प्रेम औ भाईचारा है,
कल कल नदियां पर्वत झरने सबने तुझे निखारा है।
मंदिर मस्जिद गिरजाघर और जहां सजे गुरुद्वारा है,
संतों की पावन धरती को प्रभु ने स्वयं संवारा है।
याद बहुत जब आती तेरी बहे नयन जलधारा है,
दूर है बैठे तुझसे फिर भी दिल ने यही पुकारा है।
बुरी नज़र जो कोई डाले हमको नहीं गवारा है,
कोई आंच न आने देंगे, यह संकल्प हमारा है।
तेरी सत्ता और महत्ता को जग ने स्वीकारा है,
मान करे यह दुनिया जिस पर, भारत देश हमारा है।
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-कादंबरी आदेश
