मेरे जीवन का कैनवास
मेरे जीवन के कैनवास पर तुमने जो चित्र अंकित किया है
उसमें समय-समय पर कई-कई रंग बिखरते गए हैं
एक दीर्घ समय तक का हमारा साथ,
और उस में समाया मधुर दांपत्य,
और उसमें समाया लाल रंग तो है ही ,
साथ ही बच्चों के आने के कारण
वात्सल्य का इंद्रधनुषी रंग भी
उस में घुल मिल गया है
जीवन का यह कैनवास इतना विस्तृत है,इतना अद्भुत है
कि इसके रंग कभी भी किंचित भी धूमिल नहीं हो सके
इन रंगों की एक और विशेषता यह भी है कि
वे रंग मूक नहीं है, इस चित्र में स्वर भी हैं
अपने मधुर स्वर में मेरा नाम लेकर
समय-समय पर तुम्हारा आवाज देना,
मुझे अभी भी सुनाई पड़ता है
और तुम्हारे गायन का तो कहना ही क्या
इसी से तुम्हारे इस तस्वीर में
कई प्रकार के स्वर तरंगित होते ही रहते हैं
तुम्हारे स्वर उस कैनवास पर
और भी कई रंग भरते चले जाते हैं
उन रंगों का कोई नाम भी नहीं पता पर
उन रंगों ने तुम्हारे चित्र को
और भी आकर्षक तो बना ही दिया
कालांतर में एक और रंग उसमें जुड़ा
और वह था चटक गेरुआ भक्ति का रंग
जो क्रमशः गहराता चला गया
तुम्हारी वे छोटी छोटी बातें,
मेरे हर अच्छे कार्यों को प्रोत्साहन देना,
जीवन के हर पल में मेरा साथ देने की
तुम्हारी इच्छा, तुम्हारी कोशिशें,
भूलने वाली चीज तो हैं नहीं |
वे सारी बातें, हर पल तुम्हारे चित्र में
इतनी सारी स्मृतियों के रंग भरती रहती हैं कि
मैं तुमसे वादा करती हूं कि
इस चित्र के रंगों को मैं
कभी भी धूमिल होने नहीं दूंगी
और मैं उसको लगातार
मधुर स्मृतियों के रंगों से रंगती ही रहूंगी
रंगती ही रहूंगी।
-आशा बर्मन