
ब्रह्मांड के पैटर्न की पच्चीकारी हम
हम ब्रह्मांड के पैटर्न की पच्चीकारी की तरह हैं
समझ में नहीं आता जिसका अर्थ!
नीले आकाश की मेहराब के नीचे हम छल्ले छोड़ते हैं,
जो हमसे और वापस धड़कते हैं।
और वैश्विक संबंध में एकजुट हैं हम,
हालांकि हम और दूर जाने की कोशिश करते रहते हैं।
हम केंद्र हैं, हम परिधि हैं भी,
और प्रत्येक में सत्य है, प्रत्येक में सार।
ईश्वर हमें बिना किसी पूर्वाग्रह के
एक खुले स्रोत से जुड़े रहने का आशीर्वाद दे।
पुनर्जन्मों के अनगिनत चक्र में
साँस लेने, छोड़ने और फिर से लेने दे।
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– आन्ना पोनोमारेंको