
बसंत तेरे स्वागत में
बसंत तेरे स्वागत में
ठूँठ पड़े हिस्से
पाते संजीवन
सिरहन, थिरकन, नवरूपन
शब्द-रंग में नितर
मन का सूनापन
पहुँचाता
मेरी टीस तुम तक
कोमल कोंपल छलक
कार्डिनल कूजत अथक
*****
– मधु भार्गव
हिंदी का वैश्विक मंच
बसंत तेरे स्वागत में
ठूँठ पड़े हिस्से
पाते संजीवन
सिरहन, थिरकन, नवरूपन
शब्द-रंग में नितर
मन का सूनापन
पहुँचाता
मेरी टीस तुम तक
कोमल कोंपल छलक
कार्डिनल कूजत अथक
*****
– मधु भार्गव