गणित के आयाम

प्रकृति जब तूलिका चलाती है
तो लिखती गणित के आयाम
यही रचना वेदों का आधार
जीवन के रहस्य खोलता है गणित ज्ञान

न्याय समता, महत सिद्धांत
गणित सिखलाता सहज विधान
गणित का हर एक समीकरण
तुलना से रहित, अपने आप में पूर्ण

गणित जोड़ कर गुणा करे
और विभाजन घटा कर
साध्य गणित के यह सिद्धांत
चलाते हैं ब्रह्माण्ड यही दिन रात

यदि शून्य न हो तो आदि न समझें
अनंत न हो तो ईश्वर को न समझें
गणित भारत की देन महान
करेगी निरंतर उज्ज्वल पथ ज्ञान

वाद-विवाद रहित, विज्ञानों का विज्ञान
सभी पंथों से भिन्न, एक दिन निश्चित ही
‘वसुधैव कुटुंबकम’, ‘एकं सत्यं’ का भान
गणित ज्ञान ही कर देगा कल्याण

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– राज माहेश्वरी

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