
मैं चील हूँ
मैं एक चील हूँ
जो एक पीड़ादायी मृत्यु से जीत आई
घायल हुई, हाँ, बेहद घायल,
किन्तु मैंने पुन: सीखे कौशल
और देखो न, मैं कितनी तैयार हूँ
अब तो मृत्यु के लिये भी,
बस, एक अंतिम बार और
सुनिश्चित हूँ
इस बार मुझे
निर्वाण मिलेगा ही
इस यकीन के साथ।
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– दिव्या माथुर