आत्महत्या के बीज

सुना है
भारत बड़ी तरक्की कर रहा है जिसे देखो ऊपर, ऊपर और ऊपर ही
चढ़ रहा है
सुना है किसान अब अपने बीज नहीं बो सकते न ही बांट सकते हैं
अपने ही जाए बीज वे अपनों को
सुना है
बैंक तैयार हैं कर्ज़ देने को बीज
जिनकी फ़सलें होंगी रंगीन और पुष्ट
पर बेस्वाद, फुसफुसी
सुना है गांव के गांव बिकाऊ हैं
और किसान कर रहे हैं आत्महत्या
पर सुना है
भारत बड़ी तरक्की कर रहा है!

*****

– दिव्या माथुर

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