नदी – (हाइकु)
नदी 1. चीखी थी नदीतट पर उसकीलाशों के ढेर 2. प्रसूता नदीगन्दगी तट परजन्मी थी मौत 3 उछलती थीलगा दिये अंकुशमन नदी पे 4 रोई बहुतऔर खारी हो गयीवो मीठी…
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नदी 1. चीखी थी नदीतट पर उसकीलाशों के ढेर 2. प्रसूता नदीगन्दगी तट परजन्मी थी मौत 3 उछलती थीलगा दिये अंकुशमन नदी पे 4 रोई बहुतऔर खारी हो गयीवो मीठी…
हिंदी दिवस पर अनिता कपूर रचित हाइकु 1 प्रवास में भीमहक रही हिन्दीजैसे गुलाब 2 मैं हुई मीरातुमको माना कान्हाहिन्दी बाँसुरी 3 हिन्दी हो तुमभावों की अभिव्यक्तिदिव्य भास्कर 4 चांदी-सी…
सविता अग्रवाल ‘सवि’ के हाइकु 1. बोझिल मनझील भरे नयनदूर आनंद। 2. कलियाँ चुनींझोली भर ली मैंनेमालाएँ बुनीं। 3. मैं सूक्ष्म सहीभव्यता के समक्षफिर भी जीती। 4. प्रेम का नातासिन्धु…
प्रीति अग्रवाल ‘अनुजा’ की हाइकु 1. झीनी चूनरशालीनता दर्शा तेबदरा लौटे। 2. छम छपाक!औंधी सीधी टपकेंबूँदें बेबाक। 3. धूप का पारासातवें आसमाँ पेबूँदें उतारें। 4. प्रीत न बंधे!मुठ्ठी भिंची रेत…
1 गुड़िया नहीं अब कोई औरत समझें सब नहीं खिलौना न ही कठपुतली आज की नारी सारे आदेश नहीं मानेगी अब जान लो तुम जागी है नारी पढ़ेगी अब बेटी…
1) मीठे हैं बोल मिसरी रहे घोल मन अमोल (2) वर्षा का पानी देता है जिंदगानी यही रवानी (3) ये अमराई न अगर बौराए कैसे दे साए (4) है अंहकार…