Category: फीजी

चलो मुलुक – (कहानी)

चलो मुलुक खमेंद्रा कमल कुमार हम भी सोचा कि ई कौन झंझट में फस गवा। दुई चार पेनी पैसा बचा है, जनाइ बुढ़ापा में यहो डूब जई। ई सब मुसीबत…

  खमेन्द्रा कमल कुमार – (परिचय)

खमेन्द्रा कमल कुमार खमेन्द्रा कमल कुमार फीजी नेशनल यूनिवर्सिटी के लौटोका कैंपस में कार्यरत हैं। आप अंग्रेजी के साथ-साथ फीजी हिंदी में कहानियाँ और कविता लिखते हैं। सन् 2018 में…

फीजी में पत्रकारिता – (शोध आलेख)

फीजी में पत्रकारिता फीजी में पत्रकारिता फीजी में मिश्रित भाषा से “फीजी-बात” का जन्म हुआ। ‘फीजी बात’ उनके विचारों के आदान-प्रदान का सरल माध्यम थी। आज यही ‘फीजी बात’ फीजी…

पागलपन – (ग़ज़ल)

पागलपन ऐसा भी मौसम होता है नैन हँसें और मन रोता है यादो की रिमझिम होती है आँखो में सावन होता है अपने गुलशन के ख़ारो से बँधा हुआ दामन…

पड़ोसी धर्म – (कहानी)

पड़ोसी धर्म -डॉ. सुभाषिनी लता कुमार सुबह से रीमा का माथा ठनका हुआ था। रात उसने डेढ़ बजे तक पढ़ाई की थी और कुछ दिनों से परीक्षा के टेंशन में…

मेरी कविता – (कविता)

मेरी कविता कहती खामोशी की कहानी तू है मौन की अभिव्यक्ति तू सुख-दुख की मेरी सहेली है साथ तेरे हर पल नव जीवन बिन तेरे सब कुछ लगे निरर्थक निराशा…

सुभाषिनी लता कुमार

सुभाषिनी लता कुमार डॉ. सुभाषिनी लता कुमार लौटोका फीजी से हैं। पी-एच.डी सहित उनकी उच्च शिक्षा मैसूर विश्वविद्यालय से हुई है। उनका शोध विषय- ‘फीजी के प्रवासी हिंदी साहित्य का…

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