Category: ग़ज़ल

विनयशील चतुर्वेदी की ग़ज़ल – (ग़ज़ल)

© विनयशील चतुर्वेदी ग़ज़ल युँ ढल कर शाम का सूरज सुबह ऐसे निकलता है।किसी दुल्हन की घूंघट से वदन जैसे झलकता है मुहल्ला आशिक़ों का है यहाँ आना बहुत धीमेकिसी…

विनयशील चतुर्वेदी की ग़ज़ल – (ग़ज़ल)

© विनयशील चतुर्वेदी ग़ज़ल आँखों में ज़रूरी है ग़ैरत औ हया होना।।वादों में ज़रूरी है इक अहले वफ़ा होना।। तुम प्यार के खेतों में बारूद उगाते होतुम भूल गए शायद…

विनयशील चतुर्वेदी की ग़ज़ल – (ग़ज़ल)

© विनयशील चतुर्वेदी ग़ज़ल रहते हैं किस तौर यहाँ पर हाल न पूछोमिलती है किस भाव यहाँ पर दाल न पूछो आत्महत्या पर खेतिहर की भी साहब जीहंसते हैं कि…

अमरेन्द्र कुमार की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका ग़ज़ल -1 सब दिन ही मालिक केसब दिन ही हैं अच्छे। तम के झोंके सहतेतन के ये घर कच्चे। हम भी अब हो जाएबच्चे मन के सच्चे।…

पंकज शर्मा की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

पंकज शर्मा, अमेरिका 1. कभी तो पूछो मुझसे भी ज़िंदा हूँ या मर गयाजो ज़िंदा है वो मैं नहीं मैं ही हूँ जो मर गया एक अधूरा रस्ता था न…

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** ** *** ** *** ग़ज़ल-1 तेरा मुझसे मुझको चुराना ग़ज़ब है।चुराना, फिर अपना बताना ग़ज़ब है। यूँ ही रात ख़्वाबों…

मुस्कुरा रहे हैं – (ग़ज़ल)

मुस्कुरा रहे हैं तुम्हारे सज़दे में सर झुकायावो ज़िन्दगी को लुभा रहे हैंहैं आँख नम दर्द से दिल है बोझिलये लब हैं जो मुस्कुरा रहे हैं ।। न जीना-मरना है…

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

ग़ज़ल- 1. न तुम अच्छे, न मैं अच्छी, ग़लतफ़हमी में मत रहना,हुई ये बात अब नक्की, ग़लतफ़हमी में मत रहना। सितारों पर घुमाने का मुझे सपना दिखाते हो,बहुत भोले हो…

देवी नागरानी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

देवी नागरानी की ग़ज़लें 1. ग़ज़ल घरोंदे साहिलों पर जो बने हैंवो मौजों के थपेड़ों से बहे हैं ऐ खंजर सब्र कर ले तू ज़रा-सापुराने ज़ख़्म तो अब तक हरे…

आशुतोष कुमार की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

ग़ज़ल – 1 चल रहा आज भी वो खेल पुराने वाला,हर मुलाज़िम ही निकलता है खज़ाने वाला। हैसियत देख के ही दोस्त बनाने वाला,चढ़ गया उस पे भी अब रंग…

डॉ नीलम वर्मा की ग़ज़ल – (ग़ज़ल)

ग़ज़ल वाबस्ता हैं सब जिससे, ज़ंजीर है तारों कीहँसना कभी रोना भी तक़दीर है तारों की क्या ख़ूब फ़लक पर ये तहरीर है तारों कीलैला है या शीरीं है या…

राजीव श्रीवास्तव की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

राजीव श्रीवास्तव की ग़ज़लें -एक- पानी पानी धूप बिछी है, पाँव न रख, जल जायेंगे।हँस-हँस कर मिलने आये हैं, रो कर बादल जायेंगे। पुरखों की थाती यदि आँगन से विस्थापित…

भावना कुँअर की ग़ज़लें

ग़ज़ल -1 मेरे ग़मों का बोझ ना खुद पर लिया करेंयूँ ग़म-ज़दा न आप हमेशा रहा करें तन्हाइयों में ख़ुद ना अकेले घुटा करेंकुछ अपने दिल का हाल भी हमसे…

प्रगीत कुँअर की ग़ज़लें

ग़ज़ल -1 देर थोड़ी क्या हुई पर फड़फड़ाने में हमेंआसमाँ ही लग गया नीचे गिराने में हमें एक मुश्किल को ज़रा सुलझा दिया हमने तभीमुश्किलें सब लग गयीं हैं आज़माने…

खत लिखने का वो ज़माना चला गया – (ग़ज़ल)

खत लिखने का वो ज़माना चला गया सुकुन से बैठ कर खत लिखने का, वो ज़माना चला गया;चलता था कुछ धीरे, मलाल है, वो वक़्त पुराना चला गया। तेज रफ़्तार…

आईना हमसे उम्र का हिसाब मांगता है – (ग़ज़ल)

आईना हमसे उम्र का हिसाब मांगता है रहा नहीं जो वक़्त, एक लम्हा कभी काबू में हमारे,आईना हमसे रोज, उस उम्र का हिसाब मांगता है। हम औरों की तरह मुकम्मल…

अनिल कुलश्रेष्ठ की ग़ज़लें

ग़ज़ल -1 बेखुदी ऐसी घिरी है कुछ समझ आता नहींख़ुद को तो भूला हुआ हूँ आप को पाता नहीं एक चौरस्ता है जिसपे मैं खड़ा हैरान हूँइक कदम तेरे बिना…

पागलपन – (ग़ज़ल)

पागलपन ऐसा भी मौसम होता है नैन हँसें और मन रोता है यादो की रिमझिम होती है आँखो में सावन होता है अपने गुलशन के ख़ारो से बँधा हुआ दामन…

ख़लिश – (ग़ज़ल)

ख़लिश इक ख़लिश सी हुई मेरे दिल मेंकोई डूबा है आके साहिल में शख़्स वो उठ गया अचानक सेजान डाली था जिसने महफ़िल में रस्ते साफ़ थे, सफ़र आसाँख़ार लेकिन…

ढलती शाम – (ग़ज़ल)

ढलती शाम धीरे-धीरे घर में आई ढलती शाम कितनी भूली बातें लाई ढलती शाम पैरो की आहट आई तो मुझे लगा तुम्हें ढूँढ कर वापस लाई ढलती शाम फिर से…

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