एक विश्वास एक आशा

मेरे वो गीत आज मौन आज सहमे हैं
थम गई मेरी कलम और उदास नग़मे हैं।

वो भी दिन थे जो मैंने गीत प्यार के गाये
शब्द जीवित थे मेरे रंग सभी भर लाये।
उनमें अब प्राण कहाँ भाव कहाँ बहते हैं। मेरे…

मेरे उपवन में कभी भँवरे गुनगुनाते थे
मेरे आँगन में कभी फूल मुस्कराते थे।
वे हैं मुरझाये हुए फूल कहाँ महकेंगे। मेरे…

जिसके आँचल पे ओस के थे अनगिनत मोती
वो ही धरती है आज आँसुओं से क्यों रोती।
छा गई काली घटा रक्त कण बरसते हैं। मेरे…

वो ही बालक जो माँ के प्यार में पलते
कोई ममता का गीत पुण्य कथाएँ सुनते।
वो ही बालक हैं आज हिंसा का पाठ पढ़ते हैं। मेरे…

किसी सजनी की कमर पे जो स्वर्ण की थी कड़ी
वोही बारूद की है आज बनी एक लड़ी।
पग के घुँघरू भी तांडव का नृत्य करते हैं। मेरे…

वो निपुण हाथ जो गढ़ते थे ईश की मूरत
एक सुहानी सी छविएक सौम्य सी मूरत।
उन्हीं हाथों से आज अस्त्र शस्त्र बनते हैं। मेरे…

मुझे विश्वास है ये दिन भी गुज़र जायेंगे
मेरे आँगन में फूल फिर से मुस्करायेंगे।
गीत जागेंगे मेरे भाव उभर आयेंगे
चल पड़ेगी ये क़लम शब्द निखर जायेंगे।

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-जगमोहन हूमर

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