हथेलियाँ

पेड़ की शाख पर
अपनी कईं हथेलियाँ उगा दी थी मैंने
इसी राह से जाना हुआ था उसका
मुझे पहचानने के लिए
एक हाथ का इशारा
उसके लिए शायद काफी न हो
बस इसीलिए
पेड़ की शाख पर
अपनी कईं हथेलियाँ उगा दी थी मैंन

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-पूनम चंद्रा ‘मनु’

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