Category: पूनम चंद्रा ‘मनु’

शायद मैं वही किताब हूँ – (कविता)

शायद मैं वही किताब हूँ गर ज़िन्दगी कोसफ़होँ में बाँट कर रखूँऔर खुद को किताब मान लूँतो शायदमैं वही किताब हूँजिसके पन्ने तुमने कभीधीरे से नहीं पलटेबस बन्द किताब कोअँगुलियों…

खुर्ची हुई लकीरें – (कविता)

खुर्ची हुई लकीरें मेरे नाम को अपनी हथेलियों से मिटाने की कोशिश मेंअनजाने मेंअपनी ही कुछ लकीरों को भी खुरच दिया था उसनेसुर्ख रंग उभर आने परउन हथेलियों को उसी…

जब उसे रात के आसमाँ पर सितारे ना मिले – (कविता)

जब उसे रात के आसमाँ पर सितारे ना मिले जब उसे रात के आसमाँ पर सितारे ना मिलेउसने धूप को पानी पर बिखेर करसितारों को दिन में ही अपने घर…

हथेलियाँ – (कविता)

हथेलियाँ पेड़ की शाख परअपनी कईं हथेलियाँ उगा दी थी मैंनेइसी राह से जाना हुआ था उसकामुझे पहचानने के लिएएक हाथ का इशाराउसके लिए शायद काफी न होबस इसीलिएपेड़ की…

पिता हो तुम – (कविता)

पिता हो तुम गर्मी की दोपहर में जल कर जो साया दे वो दरख़्त होबच्चो की किताबों में जो अपना बचपन ढूंढेवो उस्ताद हो, तुम पिता हो तुमदुनिया से लड़ने…

फूलों से कह दो अपना नाम…ख़त रख लें – (कविता)

फूलों से कह दो अपना नाम…ख़त रख लें फूलों से कह दो अपना नाम…ख़त रख लेंफिर किसी भी सूरत में ये मुरझाएंगे नहींजितना पुराने होंगे …और ज्यादा महकेंगेफूलों से कह…

ख़ामोशी कभी न छटने वाली उस धुंध की तरह है … – (कविता)

ख़ामोशी कभी न छटने वाली उस धुंध की तरह है … ख़ामोशी कभी न छटने वाली उस धुंध की तरह है …जिसमे किसी के चेहरे की कुछ परतें …दिखाईं देती…

बारिश का ख़त – (कविता)

बारिश का ख़त बारिश को बाँध कर रोशनाई की जगहभर लिया था दवात मेंबस वही ख़ततुम्हारी खिड़की परकोहरे से लिखा है मैंनेउसे धीरे सेआफताब के सामने खोल करबूँद बूँद पढ़…

सब कृष्ण संग खेले फाग – (कविता)

सब कृष्ण संग खेले फाग नभ धरा दामिनी नर नारी रास रंग रागभाव विभोर हो सब कृष्ण संग खेले फागसूर्य किरण ‘सलोने’ से छन करभूमि पर करे सुन्दर अल्पनाबृज धरा…

साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधर – (कविता)

साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधर साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधरतो श्याम बन जाते हैंबांसुरी अधरों का स्पर्श पाने को व्याकुल हैवो खुद…

वो दिया – (कविता)

वो दिया वो दियाजो जल कर रौशन करता हैतेल भी जलता है इसका बाती भीऔर इसकी ऊपरी और भीतरी सतह भीदिवाली की रात जब सितारेइसकी लौ से अपनी चमक आँकते…

कैकयी तुम कुमाता नहीं हो – (कविता)

कैकयी तुम कुमाता नहीं हो अध्यात्म की ओर बढ़ो राजन, मोह का त्याग करोइन वचनों के साथ मुनिराज विश्वामित्र काअयोध्या से प्रस्थान हुआराजा दशरथ को आज समय बीतने का ज्ञान…

उस क्षितिज से आवाज़ दो हमें कृष्ण – (कविता)

उस क्षितिज से आवाज़ दो हमें कृष्ण उस क्षितिज से आवाज़ दो हमें कृष्णजहाँ दिन और रात ढलते नहींविलय होते होंआकाश में उस सूर्य की तरह उदित होजिसकी ऊष्मा धरा…

माँ हिंदी तुम वो हो – (कविता)

माँ हिंदी तुम वो हो तुम मात्र मेरी अभिवक्ति की आवाज़ नहीं होतुम वो हो जिसे सुनने के बाददुनिया मुझे पहचान जाती हैमैं कौन हूँ कहाँ से हूँ ये जान…

पूनम चंद्रा ‘मनु’

पूनम चंद्रा ‘मनु’ नाम: पूनम चंद्रा ‘मनु’ जन्म–स्थान: देहरादून, उत्तराखंड, भारत वर्तमान निवास: शहर/ प्रांत-ऑरेंजविल, ओंटारियो, कनाडा शिक्षा: एम ए अंग्रेजी साहित्य, ग़ढवाल विश्विद्यालय प्रकाशित रचनाएँ: ‘जज़्बात’ (कविता शायरी) संग्रह…

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