Love Meter का तहलका
धुआँधार गालियों की थी बमबारी
Dialogues (डॉयलॉग) की जारी थी गोलबारी
हाथापाई की थी पूरी तय्यारी
जब बीच बचाव करने पहुँची
दोनो की मय्या प्यारी
अचानक तोपों का रूख बदल गया
सारा गोला बारूद माँ पर ही चल गया
दोनो पार्टियों ने मिल कर माँ पर किया वार
तुम उसे करती हो ज़्यादा प्यार
बेचारी माँ करती रही मनुहार
खुदा का वास्ता दे लगाती रही गुहार
सुनो तुम दोनो मेरी आँख के तारे हो
दोनो ही बराबर प्यारे हो
पर क्या कभी भैंस , been के आगे नाची है
जो वो समझते की उनकी माँ कितनी साँची है
तब उस दुखियारी ने
अपने ही बच्चों के तानो की मारी ने
पता नहीं अपनी कल्पना शक्ति से
या शिव शंकर की भक्ति से
किया एक यंत्र का अविष्कार
जो जाँच सकता था कितना है प्यार
अगले दिन घर में बड़ा मौन था
क्योंकि उस यंत्र का स्विच आन था
सफलता के नशे में हो कर चूर
तब उस नारी ने, बड़े ही दंभ की मारी ने
पार्क में बैठे एक प्रेमी युगल के
पीछे वाले बेंच पर डेरा जमा दिया
और यंत्र को जासूसी पर लगा दिया
प्रेमी अपनी प्रेमिका से प्रेम की क़समें खा रहा था
उसके प्यार में ताज महल बनाने के सपने दिखा रहा था
तभी यंत्र में गाना बजने लगा
झूठ बोले कौवा काटे ऐसे प्रेमी से डरियो
ये पास वाली को ले भागेगा तू देखती रहियो
प्रेमी ने प्रेमिका के पैर पकड़ लिए
और प्रेमिका ने उसके गाल पर कईएक धर दिए
तड़ाक तड़ाक तड़ाक
अब तो उस नारी को मज़ा आने लगा
यंत्र हर रोज़ कोई नया तहलका मचाने लगा
एक दिन सहेली के घर बैठी बतिया रही थी
इस की उसकी तेरी मेरी गपिया रही थी
पर्स में love meter आन है वो गयी थी भूल
जवानी के इश्क़ की बातों में दोनो थी मशगूल
सहेली को एक कवि से बड़ा था प्यार
पर कभी कर ना पायी थी इकरार
उसी अधूरे प्यार की याद में टसुए बहा रही थी
इन से वो कितना अच्छा होता बड़बड़ा रही थी
तभी पति परमेश्वर घर में पधारे
पत्नी ने उनके चरण पखारे
बोली प्रिय अभी तुम्हारी ही बात कर रही थी
तुम्हारी ही याद में जी रही थी मर रही थी
तभी यंत्र में गाना बजने लगा
ये जो इतना प्यार जता रही है
किसी कवि के प्यार में मारी जा रही है
वो तो इसका आशिक़ है सदियों पुराना
तूने ना जाना , ये तूने ना जाना
उसने यंत्र से कहा स्टॉप स्टॉप स्टॉप
पति ने फुँकार कर कहा तलाक़, तलाक़, तलाक़
यंत्र बेचारा अब कबाड़ख़ाने में धूल खा रहा है
बेवक्त सच बोलने की सज़ा पा रहा है
यंत्र बेचारा क्या जाने वो तो बस एक यंत्र है
जबकि प्रेम, प्रेम तो यत्र, तत्र, सर्वत्र है
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-मीनाक्षी गोयल नायर
