अलविदा कलाम!
कहाँ चल दिये यूँ छोड़ कर हमें,
अभी तो बहुत सारे काम बाकी हैं!
आपने कहा था सोने न दें जो, वो हैं सपनें,
अभी तो उन सपनों की उड़ान बाकी है!
अलविदा! कलाम सर!
*****
-सूर्य प्रताप सिंह
हिंदी का वैश्विक मंच
कहाँ चल दिये यूँ छोड़ कर हमें,
अभी तो बहुत सारे काम बाकी हैं!
आपने कहा था सोने न दें जो, वो हैं सपनें,
अभी तो उन सपनों की उड़ान बाकी है!
अलविदा! कलाम सर!
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-सूर्य प्रताप सिंह