
नई नवेली विधवा
– दिव्या माथुर
अन्त्येष्टी-निदेशक की चौकसी में कारों का जुलूस चींटी-चाल से आगे बढ़ा। हैनरी विलियम्स का सजा धजा शव काली रौल्स-रॉयस में रखा था। ताबूत पर चम्पा के फूलों से लिखा था ‘माई-डार्लिंग-हब्बी’ और लिलीज़ से गुंधी हुई अन्य शुभकामनाएं ताबूत के चारों ओर सजी थीं। इस जनाज़े में शोक मनाना सख्त मना था। वैसे भी, आजकल मातम मनाने की किसे फ़ुरसत है? कारों के काफ़िले में बैठे सगे-संबंधी और मित्र शमशान-गृह पहुँचने के लिए बेचैन थे; कब ये क्रियाक्रम निबटे और कब वे पब पहुंच कर शराब पियें। पूरा मोहल्ला बड़े अदब से खड़ा था; राहगीर एक तरफ़ सरक कर महंगी कारों के काफ़िले को निहार रहे थे।
पीछे चल रही गुलाबी रायल्स-रायस में सवार नई नवेली विधवा माइरा के साथ बैठने का अवसर मुझे मिला था; हैनरी के बचपन का यार जो ठहरा। माइरा का ठह दिमाग़ सातवें आसमान पर है, सुबह उसके मेक-अप में ढाई-घंटे लगे थे; वह मुझसे ऐसे सटी बैठी है जैसे दुनिया में मेरे सिवा अब उसका कोई नहीं। उसका भविष्य सुनिश्चित है पर मेरा नहीं। सत्तर बरस की माइरा आज भी शहद से भरी है; उसे भंवरों की भी कोई कमी नहीं; मैं उनमें से एक नहीं हूँ किंतु उसे मुझसे बहुत उम्मीदें बांध रखी हैं।
‘लैला का जनाज़ा है ज़रा शान से निकले,’ इस मिसरे का ज़िक्र करते हुए माइरा ने हैनरी से वादा लिया था कि मृत्योपरांत वह उसका जनाज़ा बड़े धूम-धड़ाम से निकालेगा किन्तु वह खुद ही चल बसा। माइरा ने तय किया कि वह हैनरी को धूमधाम से विदा करेगी; उसके अपने भविष्य के लिए भी यह बहुत आवश्यक था। ऐसा दिन क्या बार-बार आता है; हर एक की नज़र माइरा पर टिकी होगी।
फ्यूनरल के दौरान, छुई-मुई बनी माइरा मेरे कंधे पर ही टिकी रही। रूमाल को कभी इस आँख से तो कभी दूसरी आँख से छुआते वह बार-बार घबरा उठती कि कहीं उसका मेक-अप तो ख़राब नहीं हो गया। एकाएक बूंदाबूंदी शुरू हो गयी और लोग जल्दी जल्दी अपनी अपनी कारों की ओर लौटने लगे।
‘बैरी, तुम छतरी नहीं लाए?’ गुस्से में मायरा ने मुझसे पूछा।
‘ओह यू पुअर माइरा, आओ, जल्दी से मेरे अम्ब्रेला के नीचे आ जाओ,’ कहते हुए हमारे एक दूसरे दोस्त विंस्टन ने अपना छाता माइरा पर तान दिया। जब तक मैं अपना छाता खोलता, विंस्टन की लैम्बोर्गिनी में माइरा सातवें आसमान पर उड़ रही थी।