Category: आलोक गुप्त

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड – (आलेख)

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड प्रो.आलोक गुप्त, पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के सदाचार और भक्ति को अन्योन्याश्रित बताया है। वैसे तो इसमें कोई नवीनता…

गुजराती और हिंदी के अंतर्संबंध – (आलेख)

गुजराती और हिंदी के अंतर्संबंध – (आलोक गुप्त : पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं पूर्व फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला) इस लेख में गुजराती और हिंदी के संबंध…

21वीं सदी में गुजराती कहानी – (आलोचना)

21वीं सदी में गुजराती कहानी -आलोक गुप्त गुजराती में कहानी लेखन अन्य भारतीय भाषाओं की तरह बीसवीं सदी में ही प्रारंभ होता है। बीसवीं सदी के प्रारंभ में कहानी के…

आलोक गुप्त – (परिचय)

प्रो. आलोक गुप्त पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर (गुजरात) प्रो. आलोक गुप्त हिंदी के प्रख्यात आलोचक एवं अनुवादक हैं। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला (IIAS) में फेलो एवं गुजरात…

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