Category: शोध आलेख

विश्व हिंदी सम्मेलन : परिकल्पना, उद्देश्य और महत्त्व – (शोध आलेख)

विश्व हिंदी सम्मेलन : परिकल्पना, उद्देश्य और महत्त्व डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली-7 हिंदी विश्व की प्रमुख भाषा है। इसका एक…

संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश: एक समग्र विश्लेषण – (शोध आलेख)

संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश: एक समग्र विश्लेषण डॉ. राकेश कुमार, कार्मेल, इंडिआना, संयुक्त राज्य अमेरिका प्रस्तावना हिंदी, एक प्रमुख भारतीय भाषा, जो वैश्विक…

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: उर्दू और हिंदी एक भाषा, भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए – (आलेख)

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: उर्दू और हिंदी एक भाषा, भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र वादी: श्रीमती वर्षताई पत्नी श्री संजय बागड़ेप्रतिवादी: महाराष्ट्र राज्य…

जापानी एनीमेशन स्टूडियो जिबली की फिल्में – (आलेख)

जापानी एनीमेशन स्टूडियो जिबली की फिल्में डॉ वेदप्रकाश सिंह, ओसाका विश्वविद्यालय, जापान ओसाका विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हुए अपने जापानी विद्यार्थियों से उनकी किसी पसंदीदा जापानी फिल्म का नाम पूछता…

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भाषा नीति – (शोध आलेख)

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भाषा नीति ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया और जो भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे, ने…

थाईलैण्ड में रामकथा – (शोध आलेख)

थाईलैण्ड में रामकथा – शिखा रस्तोगी अयोध्या का नाम लेते ही स्मृति-पटल पर सरयू के किनारे स्थित सूर्यवंश के चक्रवर्ती सम्राटों की उस राजधानी का भव्य चित्र मुखरित होता है,…

अमेरिका में हिन्दी एवं देवनागरी लिपि – (आलेख)

अमेरिका में हिन्दी एवं देवनागरी लिपि – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका द यूनाइटेड स्टेट्स आफ़ अमेरिका, देश- दुनिया के सभी लोगों को अपनी और आकर्षित करने…

हिंदी की राजभाषा यात्रा – (आलेख)

हिंदी की राजभाषा यात्रा ~ विजय नगरकर अभी तक विश्व के अनेक देशों में राजभाषा स्वीकृत नहीं हुई है। इसी तरह राष्ट्रभाषा का भी मामला अनेक देशों में लंबित है।…

स्पेन में हिन्दी – (शोध आलेख)

स्पेन में हिन्दी – पूजा अनिल मैं यह मानती हूँ कि भाषाएँ नदी की धारा की तरह होती हैं, जहाँ राह मिल गई, उसी तरफ आबाद हो जाती हैं। हमारी…

संतचरित्रकार संत कवि महीपती – (शोध आलेख)

संतचरित्रकार संत कवि महीपती मराठी संत कवी व संत चरित्रकार महिपती ने उत्तर भारत और महाराष्ट्र के अनेक संतों का परिचय ‘भक्तविजय ‘ मराठी ग्रंथ द्वारा प्रदान किया है। जिसका…

जगद्गुरु संत तुकाराम – (शोध आलेख)

जगद्गुरु संत तुकाराम ~ विजय नगरकर, अहमदनगर, महाराष्ट्र पंढरपुर स्थित विठ्ठल भगवान के वारकरी संप्रदाय के प्रमुख संतों में संत तुकाराम का नाम बहुत आदरपूर्वक लिया जाता है। संत तुकाराम…

गुजराती और हिंदी के अंतर्संबंध – (आलेख)

गुजराती और हिंदी के अंतर्संबंध – (आलोक गुप्त : पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं पूर्व फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला) इस लेख में गुजराती और हिंदी के संबंध…

21वीं सदी में गुजराती कहानी – (आलोचना)

21वीं सदी में गुजराती कहानी -आलोक गुप्त गुजराती में कहानी लेखन अन्य भारतीय भाषाओं की तरह बीसवीं सदी में ही प्रारंभ होता है। बीसवीं सदी के प्रारंभ में कहानी के…

फीजी और भारत की मिली-जुली संस्कृति – (लेख)

फीजी और भारत की मिली-जुली संस्कृति डॉ. सुभाषिनी कुमार फीजी द्वीप समूह एक बहुसांस्कृतिक द्वीप देश है जिसकी सांस्कृतिक परंपराएं महासागरीय यूरोपीय, दक्षिण एशियाई और पूर्वी एशियाई मूल की हैं।…

गिरमिटियों के उद्धार में पं. तोताराम सनाढ्य का योगदान – (आलेख)

गिरमिटियों के उद्धार में पं. तोताराम सनाढ्य का योगदान -डॉ. सुभाषिनी लता कुमार पं. तोताराम सनाढ्य ने अपने गिरमिट अनुभव को ‘फीजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष’ नामक पुस्तक में…

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य – (लेख)

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य -रेखा राजवंशी कहा जाता है साहित्य समाज का दर्पण है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य का इतिहास अधिक पुराना नहीं है। लगभग चालीस वर्ष पहले हिंदी भाषी…

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी शिक्षण – (लेख)

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी शिक्षण -रेखा राजवंशी ऑस्ट्रेलिया भी भारत की ही तरह एक बहु-सांस्कृतिक देश है, जहाँ अनेक देशों के लोग आकर बस गए हैं। यहाँ के खान-पान, रंग, रूप,…

श्येन परों पर ठहरी हिन्दी – (आलेख)

श्येन परों पर ठहरी हिन्दी -डॉ. आरती ‘लोकेश’ दुबई, यू.ए.ई. किसी विदेश भ्रमण के दौरान हर व्यक्ति एक विदेशी भाषा को हर समय सुनने के लिए अपने कानों को तैयार…

जापान में हिंदी : इतिहास और वर्तमान

डॉ. वेदप्रकाश सिंह ओसाका विश्वविद्यालय जापान में हिंदी भाषा आने से डेढ़ हज़ार साल पहले तत्कालीन सिद्धम लिपि और वर्तमान देवनागरी लिपि में व्यवहृत कुछ वर्ण आ चुके थे। अभी…

पूश्किन हमारा सब कुछ हैं… (शोध आलेख)

6 जून 1799 को पूश्किन का जन्म हुआ, उन्हें उम्र 37 साल की मिली। यह उम्र अंकों में छोटी लगती है लेकिन किए गए काम कहते हैं कि वह सार्थक…

Translate This Website »