यह दौड़ती भागती सड़कें – (कविता)
पंकज शर्मा, अमेरिका *** यह दौड़ती भागती सड़कें दिन रात यह जागती सड़केंकिसी को मंज़िल तक पहुंचाएंकिसी को यूँ ही भटकती सड़केंकहीं पे कन्धा दे अर्थी कोकहीं पे ढोल बजाती…
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पंकज शर्मा, अमेरिका *** यह दौड़ती भागती सड़कें दिन रात यह जागती सड़केंकिसी को मंज़िल तक पहुंचाएंकिसी को यूँ ही भटकती सड़केंकहीं पे कन्धा दे अर्थी कोकहीं पे ढोल बजाती…
पंकज शर्मा, अमेरिका 1. कभी तो पूछो मुझसे भी ज़िंदा हूँ या मर गयाजो ज़िंदा है वो मैं नहीं मैं ही हूँ जो मर गया एक अधूरा रस्ता था न…
मैं वो नहीं मैं वो नहींजिसे तुम सुनते होघंटि यों में अज़ानों में। मैं वो नहींजिसे तुम देखते होया पत्थरों मेंया चंद इंसानों में। मैं वो नहींजिसे तुम ढूँढ़ते होअपने…
मेरा क्षितिज कितनेबेतरतीब से टुकड़ेज़हन की गलियों मेंबिखरे हैंज़िंदगी केहालात केख़यालात केसवालात के ज़र्रा ज़र्राजोड़ता हूँतरतीब सेलफ़्ज़ दर लफ़्ज़क़ाफ़िया दर क़ाफ़ियाक़तरा दर क़तराहर शब्द लेकिनअलग हैआकार मेंप्रकार मेंमायने में मैंनेहर…
कौन कब कहाँ है कौन कब कहाँ है मिट्टी जानती हैकिसका निशाँ कहाँ है मिट्टी जानती है काशी काबा क्या है है दैरो हरम में क्याकिसमें कहाँ ख़ुदा है मिट्टी…
निशब्द तुमनेबड़ी ख़ामोशी से कहामेरे भीतरचिल्लाते, शोर मचातेमन कोऔर चिल्लाओऔर शोर मचाओथोड़ा और ज़ोर सेऔर तब तक यूँ ही चिल्लाते रहोजब तकतुम्हारे अंतर्मन के पर्दे तुम्हारे मन कीझुँझलाहट सेये नहीं…
पंकज शर्मा जन्म-स्थान: मरवाडी, ज़िला उना, हिमाचल प्रदेश वर्तमान निवास: ऑरेंजविल, ओंटेरियो शिक्षा: बैरिस्टर ऐट लॉ प्रकाशित रचनाएँ: आवाज़- The Inner Voice, ग़ज़ल, सफ़र, सफ़ेद सफ़े लेखन-विधाएँ: कविता, ग़ज़ल फ़ेसबुक:…