अमलतास

अमलतास की स्वर्णिम आभा
मानो प्रकृति ने पहना फूलों का झाला
चमकीला
हवा की इशारों पर नाचता
सुंदरता को यूँ ही उड़ेलता
जब जब खिलता
आकर्षण का केंद्र बन जाता है
सुनहरा अमलतास का वृक्ष न्यारा!

*****
-आराधना सदाशिवम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »