अध्यात्म की अनुभूति

आत्मा और परमात्मा से
संबंधित शाश्वत ज्ञान
ईश्वरीय आनंद की अनुभूति
स्वयं के अस्तित्व के साथ जोड़ना
मार्ग है अध्यात्म का
और अनुगमन है अध्यात्म विद्या
भौतिकता से परे जीवन का अनुभव
सूक्ष्म विवेचन है अध्यातम
अपने आनंद का स्रोत होना है अध्यातम
अपने आत्म तत्व को पहचानना
खुद को जानना
प्रेम करना
और प्रेम स्वंय को पह्चानने
जानने की पहली सीढी
और जब स्वंय का अध्ययन
करने की ओर कदम बढते हैं
तब प्रेम और अध्यात्म मिलकर
जीवन दर्शन कराते हैं
आत्म बोध कराते हैं
अध्यात्म
विश्व बंधुत्व का मार्ग भी है
ईर्ष्या, द्वेष, घृणा
आपसी भेदभाव से परे
दिव्य-तत्व की अनुभूति
अध्यात्म
अपने भीतर जाने का मार्ग
हम जब परम आनंद की
प्राप्ति की और जाते है
तब प्रेम, जीवन और अध्यात्म
एक दूसरे में लीन हो जाता है।

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-अनिता कपूर

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