युद्ध
जब वो कहते हैं
जब तुम भी कहते हो
कि मैं गलत हूँ
तो मैं मान भी लेती हूँ
कि मैं गलत हूँ
लेकिन उनके कहने में
और तुम्हारे कहने में
जो अंतर है
उस अन्तर के अन्तर को
मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ
हो सकता है
यह भी मेरी ही गलती हो
अन्तर का अन्तर ही
इसका कारण हो
लेकिन अन्तर का यह अन्तर
क्यों है
कैसे है
यह राज़
जब जब
जानने की कोशिश में
अपने अन्तर के ताल में उतरती हूँ
अन्तर का यह अन्तर
बढ़ता ही जाता है
अन्तर के अन्तर को
पाटने की
सारी कोशिश
जब नाकाम हो जाती है
उस शाम मुझे लगता है
कि युद्ध ख़तरनाक होने के बावजूद
अब टाला नहीं जा सकता
टालना भी नहीं चाहिए
क्योंकि यही अन्तर का अन्तर है
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-अनिता कपूर