
डॉ० वरुण कुमार
निदेशक, रेल मंत्रालय। जन्म : दिसम्बर १९६४, मुंगेर (बिहार)
- पीएचडी. ‘निर्मल वर्मा की कथा–भाषा का अध्ययन‘ विषय पर अंग्रेजी के प्रोफेसर के अंतर्गत शोध। यूजीसी की राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (NET) में उत्तीर्ण। बीए एवं एमए में विश्विद्यालय में द्वितीय व चतुर्थ स्थान। केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के त्रैमासिक अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में स्वर्ण पदक (Gold Medal), शास्त्रीय संगीत (गायन) में सीनियर डिप्लोमा।
- भाषा साहित्य समाज और सरकार के अंतर्संबंधों पर विशेष चिंतन एवं लेखन। आकाशवाणी और दूरदर्शन से कार्यक्रमों का प्रसारण। देश की विभिन्न विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, यथा, ‘आलोचना’,‘तद्भव’, ‘हंस’, ‘नया ज्ञानोदय’,‘वागर्थ’, ‘बहुमत’, ‘साहित्य अमृत’, ‘शोध दिशा’ आदि में कला एवं साहित्य संबंधी वैचारिक/रचनात्मक लेखों का प्रकाशन। जैक लंडन की कुछेक कहानियों का अनुवाद। दो दशक तक हिन्दी गृह पत्रिकाओं का प्रकाशन। विभिन्न संस्थाओं एवं विश्वविद्यालयों में अतिथि व्याख्याता के रूप में व्याख्यान।
- कलाओं में अभिरुचि। अखिल भारतीय रेल हिन्दी नाट्योत्सव का प्रतिवर्ष आयोजन। कुछेक संगीत कार्यक्रमों का भी आयोजन।
- ‘समीक्षा के भाषिक आयाम’ दिल्ली के हंस प्रकाशन से वर्ष 2024 में प्रकाशित। ललित निबंधों का एक संकलन ‘यह हंस अहा तरता तरता’ किताबघर से शीघ्र प्रकाश्य।
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