Month: September 2024

कादंबरी आदेश

कादंबरी आदेश सेंट्रल फ्लोरिडा में एक गायिका, कवि और कलाकार हैं। उनके पास सीडी और कई रिकॉर्डिंग हैं। वह सेंट्रल फ्लोरिडा, टोरंटो, त्रिनिदाद और नई दिल्ली भारत में काफी लोकप्रिय…

बिना शर्तों का रिश्ता – दोस्ती – (कविता)

बिना शर्तों का रिश्ता – दोस्ती बड़ी अनमोल होती है दोस्ती,दिलों से दिलों का जुड़ाव होती है दोस्ती,हर मुश्किल में साथ निभाने का एहसास है दोस्ती,हर अच्छे बुरे वक्त में…

पापा की यादें – (कविता)

पापा की यादें पापा याद तुम्हारी आती है,आंखों में नमी भर जाती है,बचपन की वो मीठी यादें,वो खेल खिलौने और फरियादें !वो भाइयों से लड़ना झगड़ना मेरा ,वो रो रो…

पापा – (कविता)

पापा पापा, तुम हो मेरे जीवन की सबसे अद्भुत रेखा,तुम्हारे आशीष ने लिखा मेरी किस्मत का लेखा।तुम्हारे मार्गदर्शन और साथ से ही मैंने सीखा,अपने सपनों को पंख देकर, उड़ने का…

सूत्रधार – (कविता)

सूत्रधार कर्म करना है मात्र कर्म तेरा, आगे की क्यों तू सोच करेफल देना तो है काम मेरा, तू क्यों मन में संताप धरे। मैं राम की मर्यादा, मैं सीता…

प्रतिमा सिंह

प्रतिमा सिंह पति का नाम- श्री प्रेम बीर सिंह शिक्षा- अर्थशास्त्र में परास्नातक। विद्यार्थी जीवन से ही आध्यात्मिक संस्था सहज मार्ग से जुड़े होने के कारण आध्यात्मिकता और कविता लिखने…

करे है क्यों गोरी श्रृंगार – (कविता)

करे है क्यों गोरी श्रृंगार (श्रृंगार छन्द) करे है क्यों गोरी श्रृंगार।तुझे क्या गहनों की दरकार।रूप तेरा है रस की धार।ओस में ज्यों भीगा कचनार। लुभाते हैं कजरारे नैन।लगाऊँ अंक…

कृष्ण पूरे नहीं राधिका के बिना – (कविता)

कृष्ण पूरे नहीं राधिका के बिना (गंगोदक सवैया) बात ऐसी भला आज क्या हो गयी,रूठ से क्यों गए हो बताओ पिया।भूल क्या हो गयी? चूक कैसी हुई?मौन क्यों बोल दो,…

तिलक करें दशरथ नंदन का – (कविता)

तिलक करें दशरथ नंदन का (चौपाई छन्द) सब भक्तों के पालनहारे, गूँज रहे उनके जयकारे।परमशक्ति सबके रखवाले, जय हो नीली छतरी वाले।आदि-अनंत शक्ति के दाता, धर्म-कर्म-वेदों के ज्ञाता। मितभाषी तुम…

उदित स्वर्णिम भोर – (कविता)

उदित स्वर्णिम भोर (रूपमाला छन्द) चैन की वंशी बजाती, नित्य स्वर्णिम भोर।वो सुहाना युग पुराना, खो गया किस छोर? खत्म आँखों से शरम ह स्वार्थ ठेकेदार।चढ़ गया मुख पर मुखौटा,…

अविचल रहना साधे मन को – (कविता)

अविचल रहना साधे मन को (वामा छन्द) मन व्यग्र बड़ा रातों जगता।सब उथल-पुथल जीवन लगता।प्रतिकूल परिस्थिति क्षुब्ध करे।चिंता विपदा के रंग भरे। तब हार नहीं मन मार नहीं।मन हार करे…

वैश्वीकरण और २१वीं सदी का भारत – (लेख)

वैश्वीकरण और २१वीं सदी का भारत -अनु बाफना If you don’t adapt, you will get left behind ! Change is the only constant ! दोनों ही कथन एकदम सटीक हैं…

बेशर्म – (लघु कथा)

बेशर्म –अनु बाफना दुबई शहर का नामी-गिरामी रेस्टोरेंट। शनिवार की शाम व समुद्र किनारे होने से लोगों से खचाखच भरा था। काशवी अपने पति और १५ वर्षीय बेटे के संग…

सुनहरी किरण – (कहानी)

सुनहरी किरण अनु बाफना रात के सन्नाटे में जीप धांय-धांय उड़ी जा रही थी…किरण ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठी थी। कांस्टेबल ओम प्रकाश गाडी चला रहा थे। पीछे…

झूठ अच्छे होते हैं…. – (लघु कथा)

झूठ अच्छे होते हैं …. -अनु बाफना दीदी आपने झूठ क्यों बोला? उमा ने मुँह बनाते हुए शिकायती लहज़े में कहा। क्या हो गया उमा रानी ?- स्वाति ने शरारती…

रद्दी के टुकड़े – (कहानी)

रद्दी के टुकड़े -अनु बाफना ‘पर ये अचानक ..क्या हुआ है तुमको केशवी ..?” ‘व्हाई आर यू बीइंग सो मैलोड्रामैटिक ?”- ओफ्फो…जस्ट कांट बेयर योर मूड स्विंग्स यार !-‘ इट्स…

अनु बाफना

अनु बाफना एम्.एस. एन.एन.आई. (मुंबई) एम्.बी.ए, एम्.ए. हिंदी बी.एड, सर्टिफाइड ट्रेनर, आठ वर्षों तक नैरोबी (केन्या) में निवास कर गत ढाई वर्षों से दुबई में आ बसी हैं। ई.एस.एल नामक…

‘पंजाबी प्रवासी कहानियाँ’ का लोकार्पण

‘पंजाबी प्रवासी कहानियाँ’ का लोकार्पण अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर एवं वैश्विक हिंदी परिवार के संयुक्त तत्त्वाधान में बुधवार, 04 सितम्बर 2024 को सायं 4:00 बजे उमंग…

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