कोई लहर
समुन्द्र की कौन सी लहर
हमें ले जाएगी किनारे
कौन सा किनारा
हमें थाम लेगा
मट्टी का कौन-सा हिस्सा हमें
जकड़ लेगा
हम नहीं जानते
न ही जानना चाहते हैं
क्योंकि जान नहीं पाएंगे
बस यही चाहते हैं
कि कहीं बस जाएं
कहीं ठहर जाएं
कहीं रुक जाएं
सब चाहने वालों की तरह
अब हम यही चाहते हैं
कि ये किनारा
हमें थाम ले
ये लहर हमें ले
पकड़ ले
जमीन के इसी टुकड़े के लिए
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-निखिल कौशिक