संकाय शोध परियोजना के अंतर्गत एवं हिंदी विभाग के सहयोग से 18 मार्च को ‘भारतीय मूल्यबोध और हिंदी सिनेमा’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन – (रिपोर्ट)
व्यावसायिकता से विमुख होकर सिनेमा नहीं चल सकता – प्रो. सुधा सिंह फ़िल्में आधी हक़ीक़त और आधा फ़साना हैं – प्रो. बिमलेंदु तीर्थंकर भारतीय मूल्यबोध से हटेंगे तो फिल्में पिट…